भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी चौहान ने कहा, अमर्यादित बोल और अनूठे ज्ञान का वाचन कर माहरा कर रहे पद की गरिमा के विरुद्ध आचरण, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर लगातार नकारात्मक बयानबाजी आहत करने वाली
कांग्रेस अध्यक्ष को सनातन संस्कृति के बारे मे भी अध्ययन की जरूरत बताई
देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर सवाल उठाते और भाजपा विरोध के चलते कांग्रेस बौखला गयी है और कांग्रेस अध्यक्ष सार्वजनिक जीवन मे मर्यादाओं को ताक पर रखते हुए अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के महेंद्र भट्ट को लेकर निजी टिप्पणी पर पलटवार करते हुए चौहान ने इसे निम्न स्तर की राजनीति और हताशा में दिया बयान बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को अपनी जानकारी दुरस्त करने की जरूरत है, क्योंकि भाजपा अध्यक्ष भट्ट ने श्रीनगर से कभी चुनाव नही लड़ा और वह सबसे पहले ऋषिकेश छात्र संघ चुनाव लड़े। वह पहली बार नंद प्रयाग से विधायक बने और फिर बद्रीनाथ से निर्वाचित हुए। कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार रेणी की घटना के बाद जोशीमठ की घटना हुई, इसका मतलब है कि जोशीमठ की घटना कांग्रेस के विधायक बनने के कारण हुई। उनके इस अद्भुत ज्ञान से तो उनका अज्ञानी होना ही ठीक है।
उन्होंने ब्राह्मण को लेकर गढ़े गए कसीदों पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि व्यक्तित्व जाति में नही कर्म मे छिपा होता है। किसी जाति विशेष का उल्लेख श्रेष्ठतम कहकर अन्य को कम आँकना गलत है।
उन्होंने कहा कि महेंद्र भट्ट ने किसी को राक्षस नही कहा, बल्कि उनका आशय राक्षसी प्रवृत्ति से था और राम काज मे सहयोग के लिए था न कि उस पर तमाम तरह की नकारात्मक टिप्पणी करने को लेकर था। राम काज किसी व्यक्ति विशेष नही और दल का नही, बल्कि सभी सनातनी लोगों का है। निमंत्रण तो सभी के लिए है, लेकिन इस पर तमाम तरह की नकारात्मक टिप्पणी और दुष्प्रचार से सनातन संस्कृति के लोग आहत हैं और इसे बर्दाश्त नही किया जा सकता है।
चौहान ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को सनातन संस्कृति के बारे मे भी अध्ययन की जरूरत है। सदियों पुरानी सनातन परंपरा रही है कि शुभ कार्य या देव आह्वान से पहले आमंत्रण होता रहा है। अक्षत समृद्धि और उदारता का प्रतीक है। शुद्धता के कारण ईश्वर को समर्पित होता है। इसके अलावा शादी व्याह के मौके पर वर बधू पर अक्षत छिड़कने की परंपरा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष एक नई परंपरा का जिक्र कर रहे हैं जो कि अनूठा ज्ञान है।