Uttarakhand : विधानसभा का मानसून सत्र: अनुपूरक बजट पारित, सात विधायक पास, विपक्ष ने किया सदन से वाक आउट
विधानसभा सत्र की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिये स्थगित
नगर निगम व नगर पालिका संशोधन विधेयक के लिए प्रवर समिति का गठन किया गया
भराड़ीसैंण।राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित उत्तराखंड विधानसभा भवन में आहूत तीन दिवसीय मानसून सत्र के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दी गयी। तीसरे दिन की कार्यवाही में नगर निगम व नगर पालिका संशोधन विधेयक के लिए प्रवर समिति का गठन किया गया। वहीं सदन में लगभग 5000 करोड़ का अनुपूरक बजट भी पारित कर दिया गया । साथ ही 7 विधेयक भी पास कर दिए गए।
भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में मानसून सत्र के तीसरे और अंतिम दिन की कार्यवाही हंगामेदार रही। विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।विपक्ष ने आपदा को नियम 310 में ना सुनने का आरोप लगाया । नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या ने कहा कि प्रदेश आपदा से त्रस्त है, लेकिन सरकार गंभीर नहीं है।यशपाल आर्या ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष से निवेदन के बाद भी बात नहीं सुनी गई । उन्होंने कहा कि सरकार बुनियादी सवालों से बचना चाहती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। इसके बाद विपक्षी विधायक सदन से वॉकआउट कर विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए व जमकर नारेबाजी की और प्रदेश में आई आपदा से प्रभावितों को उचित मुआवजा देने की मांग की। इधर विधानसभा की तीसरे दिन की कार्यवाही में नगर निगम व नगर पालिका संशोधन विधेयक के लिए प्रवर समिति का गठन किया गया। संसदीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में गठित की गई समिति को एक महीने में प्रवर समिति को ड्राफ्ट देना होगा। ड्राफ्ट में खामियों को देखते हुए वरिष्ठ विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने सवाल उठाया था ।इसके बाद उत्तराखंड विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दी गयी।
संसदीय कार्य मंत्री डॉ अग्रवाल ने कैग की रिपोर्ट को पटल पर रखा
भराड़ीसैंण में चल रहे उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरा दिन सदन में कैग की रिपोर्ट पेश की गई।साल 22-23 के लिए राज्य के वित्त प्रबंधन पर कैग की इस रिपोर्ट को वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन के पटल पर रखा।
कैग की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• उत्तराखंड की जीडीपी में 6.71 फीसदी का हुआ इजाफा
• 2018-19 में 230,314 करोड़ से साल 2022-23 में 302,621 करोड़ हुई जीडीपी
• पिछले 5 सालों में 6.71 की औसत वृद्धि की दर से बढ़ी जीडीपी
• राज्य में वेतन, पेंशन पर वचनबद्ध व्यय बीते सालों में 5.78 की दर से बढ़ा, लेकिन 22-23 में इसमें अचानक उछाल आ गया. वचनबद्ध व्यय में 8.77 फीसदी की वृद्धि हुई.
• कैग ने ब्याज देयता पर भी सवाल खड़े किए हैं. रिपोर्ट कहती है 22-23 में सरकार को 122 करोड़ ब्याज चुकाना था. लेकिन चुकाया गया 244 करोड़ रुपया. इससे सरकार को 121 करोड़ का राजकोषीय घाटा हुआ.
• राज्य पर अभी भी 72 हजार करोड़ से अधिक का लोन है. अच्छी बात ये है कि 2021-22 के बाद इसमें गिरावट आई है.
– 2018-19 में राज्य पर 58 हजार करोड़, 19-20 में 65 हजार करोड़ का लोन था. ये 20-21 में बढ़कर 71 हजार 435 करोड़ हो गया था. पहली बार साल 21-22 में गिरावट आई और लोन घटकर 71 हजार 374 करोड़ रह गया।
कांग्रेस विधायकों ने बेल में आकर किया हंगामा
विधानसभा क्षेत्र के मानसून सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई।इस दौरान आपदा पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस के सदस्याें ने बेल में आकर सरकार विराेधी नारे लगाए और हंगामा किया। पीठ के चर्चा कराने के आश्वासन के बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। शुक्रवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पीठ की ओर से नियम 310 के नोटिस को अस्वीकार करने पर विपक्ष के विधायक बेल में आकर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान नेता सदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सदन में उपस्थित रहे।विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने कहा कि विनिश्च के बाद नियम 58 पर चर्चा करने की परंपरा नहीं है। इसके बाद फिर प्रश्नकाल शुरू हुआ।आपदा पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक फिर बेल में आकर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। इसके बाद कांग्रेस के कुछ विधायक विरोध करते हुए सदन से बाहर चले गए। हालांकि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या सदन में मौजूद रहे।नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या ने नियम 58 के तहत 5 विधायकों को चर्चा में भाग लेने की मांग करते हुए कहा कि आपदा गंभीर विषय है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार चाहती है कि हर विषय पर चर्चा हो, लेकिन नियम के तहत हो। उन्होंने पीठ से चर्चा के लिए समय निर्धारित करने का अनुरोध किया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने आधे घंटे की चर्चा कराने की बात कही, जिसके बाद फिर से प्रश्नकाल शुरू हुआ।