डॉ. अंबेडकर के राष्ट्र के प्रति योगदान को स्मरण करने एवं उनके विचारों को पुनः जागृत करने की जरूरत : मुख्यमंत्री धामी
कहा -डॉ अंबेडकर ने अपने विचारों, ज्ञान और धैर्य से देश को नई दिशा की प्रदान
भाजपा ने की अंबेडकर सम्मान अभियान कार्यशाला आयोजित,
मुख्यमंत्री के साथ राष्ट्रीय महामंत्री राधा मोहन और प्रदेश अध्यक्ष भट्ट रहे मौजूद
देहरादून । भाजपा की अंबेडकर सम्मान अभियान कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम अंत्योदय से राष्ट्रोदय का स्वप्न साकार करने में जुटे हैं। जिसमें यूसीसी लागू कर, उत्तराखंड ने बाबा साहब के विचारों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
राजधानी में सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी ऑडोटोरियम में हुई इस कार्यशाला की शुरुआत सीएम धामी, भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री राधामोहन अग्रवाल और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दीप प्रज्वलित कर की। इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर की 135 वीं जयंती के अवसर पर चलने वाले इस अभियान को उनके विचारों और कृतियों को जन-जन तक पहुंचाने का अद्वितीय माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व में हमारी सरकारें अंत्योदय से राष्ट्रोदय के सिद्धांत पर काम कर रही है। आजादी के बाद प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ऐसी पहली सरकार है, जिसे दलित और पिछड़ों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए अभूतपूर्व कार्य किए हैं। वहीं प्रदेश की हमारी सरकार ने भी बाबा साहब के समाज में बराबरी के सिद्धांत आधारित यूसीसी लागू कर, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है। इससे पूर्व संबोधन की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने डॉ. अंबेडकर को नमन करते हुए राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को स्मरण करने एवं उनके विचारों को पुनः जागृत करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा जनसंघ से लेकर आज तक भाजपा की विचारधारा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता पर ही आधारित रही है। उन्होंने कहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय का ध्येय था कि अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति जब सत्ता के सिंहासन पर बैठेगा, तभी अंत्योदय से राष्ट्रोदय का स्वप्न साकार होगा। उन्होंने कहा पहले रामनाथ कोविंद और फिर द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति पद पर आसीन होना, उनके अंत्योदय के स्वप्न के साकार होने का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब ने अपने विचारों, ज्ञान और धैर्य से देश को नई दिशा प्रदान की। समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल है। उन्होंने जाति प्रथा के खिलाफ मजबूत आवाज उठाई थी। जिसके लिए देशवासी सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहेंगे। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता भारतीय गणराज्य के मूल स्तंभ को रखा। बाबा साहब ने ऐसे भारत की परिकल्पना की जिसमें सभी वर्गों को समान अधिकार, समान अवसर और समान गरिमा प्राप्त हो।कार्यशाला में प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने इस अभियान से संबंधित आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा विस्तार से प्रस्तुत की। कार्यशाला के बाद उन्होंने सभी जिला अध्यक्षों ,प्रभारी एवं संयोजक सहसंयोजकों के साथ अभियान के आगामी योजना पर जिलावार चर्चा की।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि चार सत्र में हुए इस कार्यशाला के द्वितीय सत्र में डॉ अंबेडकर, कांग्रेस की अपेक्षा भाजपा ने किया सम्मान विषय पर राधा मोहन अग्रवाल, तृतीय सत्र में भाजपा बनाम कांग्रेस, संविधान अखंडता बनाम संविधान उल्लंघन विषय पर डॉ स्वराज विद्वान और चतुर्थ सत्र में प्रदेश महामंत्री संगठन ने अभियान की रूपरेखा को लेकर विस्तृत जानकारी दी।
प्रदेश महामंत्री एवं अभियान के संयोजक राजेंद्र बिष्ट के संचालन में हुए इस कार्यशाला में राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कोली , शैलेंद्र बिष्ट, अनुसूचित मोर्चे की राष्ट्रीय मंत्री स्वराज विद्वान, अनुसूचित मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष समीर आर्य, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, सुरेश भट्ट, मधु भट्ट, नेहा जोशी , पुष्कर काला , कुस्तुभानन्द जोशी, सिद्धार्थ अग्रवाल, समेत प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चों के प्रदेश पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, अभियान से जुड़े जिलों की टोली के सदस्य मौजूद रहे।
अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों को छात्रवृत्ति एवं राज्य में निशुल्क 15 छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था भी की गई है। राज्य सरकार ने प्रदेश में जातीय भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति के युवक या युवती से अंतर-जातीय विवाह करने पर 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए भी 50 हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जा रही है।
अंबेडकर ने दलित पिछड़े समाज के हितों की लड़ाई लड़ी, लेकिन देशहित को हमेशा सर्वोपरी रखा : राधा मोहन
राष्ट्रीय महामंत्री एवं सांसद राधा मोहन अग्रवाल ने अंबेडकर को आजादी पूर्व के शुरुआती राष्ट्रवादी बताते हुए कहा, उन्होंने दलित पिछड़े समाज के हितों की लड़ाई लड़ी लेकिन देशहित को हमेशा सर्वोपरी रखा।
राधा मोहन ने धामी सरकार के कार्यों की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा आज प्रदेश में उठाए गए उनके ऐतिहासिक एवं साहसिक कदमों की चर्चा देश भर में है। आज उनकी गिनती सबसे सफल मुख्यमंत्री में होती है,।
उन्होंने कहा कि हम गर्व से कह सकते हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन के कालखंड में डॉ अंबेडकर उन शुरुआती राष्ट्रवादी नेताओं में शुमार थे। उन्होंने जीवन भर दलित स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी, लेकिन देश का हित सर्वोपरि रखा। समाज और राजनीति में अनेकों अपमान और अन्याय सहे लेकिन भारत विरोध की नीतियों का कभी समर्थन नहीं किया।
भट्ट ने बाबा साहब को सामाजिक न्याय का योद्धा और संविधान का शिल्पकार बताया
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने अपने अध्यक्षता भाषण में बाबा साहब को सामाजिक न्याय का योद्धा और संविधान का शिल्पकार बताया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से जोर देते हुए कहा कि हमें अभियान को सिर्फ कार्यक्रम संपन्न करने की दृष्टि से नहीं लेना है बल्कि उसके भाव और उद्देश्यों को समाज के निचले पायदान तक पहुंचना है। हम मानते हैं कि देश के विकास में सभी समाजों का बराबर योगदान होना चाहिए, लिहाजा हमे ऐसे अभियानों से दलित पिछड़े समाज को अधिक सशक्त बनाना है। ताकि उनकी सहभागिता की कई गुना वृद्धि से विकसित भारत का मिशन को हम शीघ्र पूरा कर सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा समाज के इस वर्ग को गुमराह कर हमेशा वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है।