कैबिनेट मंत्री डॉ अग्रवाल ने मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर सीएम धामी को सौंपा इस्तीफा, अपने रेजिडेंस पर बुलाई प्रेस वार्ता में भावुक हुए और फफक पड़े प्रेमचंद
मंत्री की एक टिप्पणी को लेकर चल रहा था विवाद,
कहा -मैं भी राज्य आंदोलनकारी रहा, लेकिन
आज ये साबित करना पड़ रहा, हमने भी प्रदेश के लिए योगदान दिया
देहरादून।उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बजट सत्र के दौरान सदन में एक टिप्पणी को लेकर लगातार उनके इस्तीफे की मांग हो रही थी। उन्होंने सीएम अवास पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस्तीफा सौंपा। उन्होंने इससे पहले प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी । प्रेसवार्ता कर वह भावुक हो गए और फफक-फफक कर रो पड़े। वहीं उन्होंने अपने राज्य आंदोलन में संघर्ष और योगदान को बताया। उन्होंने कहा कि जो सदन में बयान दिया था, उस पर उसी दिन सदन में स्पष्टीकरण भी दे दिया था। मेरे भाव बिल्कुल गलत नहीं थे। गाली वाला शब्द भी उनके वक्तव्य से पहले का है। जो न तो पहाड़ के लिए कहा गया और न ही मैदान के लिए। वह पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं। उनका जन्म उत्तराखंड में हुआ है। कुछ लोगों की ओर से सोशल मीडिया पर ऐसा माहौल बनाया गया। मैं भी आंदोलनकारी रहा हूं, लेकिन आज ये साबित करना पड़ रहा है कि हमने भी प्रदेश के लिए योगदान दिया है। लेकिन आज जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है उससे बहुत आहत हूं। इसलिए मुझे इस्तीफा देना पड़ रहा है।उन्होंने कहा मैं राज्य आंदोलकारी रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुझे टारेगट किया जा रहा है।मेरी बातों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि उनकी सरकार विकास का काम कर रही है। वे हमेशा राज्य के विकास को लेकर काम करते हैं।
ज्ञात हो कि बीते दिनों बजट सत्र के दौरान सदन में पहाड़ी लोगों को लेकर टिप्पणी के बाद से लगातार उनका विरोध हो रहा था। तमाम संगठन और विपक्षी दल उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे थे।कैबिनेट मंत्री डॉ अग्रवाल इस्तीफे की घोषणा करने से पहले रविवार को अपनी धर्मपत्नी के साथ मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में बने उत्तराखंड शहीद स्मारक पहुंचे थे। उन्होंने अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए प्रदेश विकास की तरफ बढ़े और प्रदेश में सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे, इसका संकल्प लिया।मंत्रिमंडल में अब पांच कुर्सियां हो गई खाली
देहरादून।धामी कैबिनेट में चार कुर्सियां लंबे समय से खाली चल रही हैं। इन चार खाली कुर्सियों को भरने के साथ ही कुछ बदलाव होने के कयास भी लगाए जा रहे थे। वहीं, आज डॉ अग्रवाल के इस्तीफा देने के बाद अब एक और कुर्सी खाली हो गई है। डॉ अग्रवाल विद्यार्थी परिषद से लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े रहे युवावस्था से ही सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे। डॉ अग्रवाल ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से 2007 में पहला चुनाव जीते। 2007 के विधानसभा चुनाव के बाद से वह लगातार तीन बार ऋषिकेश से विधायक रहे हैं। वर्तमान में वह शहरी वकास और आवास,संसदीय कार्यमंत्री और वित्त मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद संभाल रहे थे।
देहरादून।उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बजट सत्र के दौरान सदन में एक टिप्पणी को लेकर लगातार उनके इस्तीफे की मांग हो रही थी। उन्होंने सीएम अवास पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस्तीफा सौंपा। उन्होंने इससे पहले प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी । प्रेसवार्ता कर वह भावुक हो गए और फफक-फफक कर रो पड़े। वहीं उन्होंने अपने राज्य आंदोलन में संघर्ष और योगदान को बताया। उन्होंने कहा कि जो सदन में बयान दिया था, उस पर उसी दिन सदन में स्पष्टीकरण भी दे दिया था। मेरे भाव बिल्कुल गलत नहीं थे। गाली वाला शब्द भी उनके वक्तव्य से पहले का है। जो न तो पहाड़ के लिए कहा गया और न ही मैदान के लिए। वह पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं। उनका जन्म उत्तराखंड में हुआ है। कुछ लोगों की ओर से सोशल मीडिया पर ऐसा माहौल बनाया गया। मैं भी आंदोलनकारी रहा हूं, लेकिन आज ये साबित करना पड़ रहा है कि हमने भी प्रदेश के लिए योगदान दिया है। लेकिन आज जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है उससे बहुत आहत हूं। इसलिए मुझे इस्तीफा देना पड़ रहा है।उन्होंने कहा मैं राज्य आंदोलकारी रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुझे टारेगट किया जा रहा है।मेरी बातों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि उनकी सरकार विकास का काम कर रही है। वे हमेशा राज्य के विकास को लेकर काम करते हैं।
ज्ञात हो कि बीते दिनों बजट सत्र के दौरान सदन में पहाड़ी लोगों को लेकर टिप्पणी के बाद से लगातार उनका विरोध हो रहा था। तमाम संगठन और विपक्षी दल उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे थे।कैबिनेट मंत्री डॉ अग्रवाल इस्तीफे की घोषणा करने से पहले रविवार को अपनी धर्मपत्नी के साथ मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में बने उत्तराखंड शहीद स्मारक पहुंचे थे। उन्होंने अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए प्रदेश विकास की तरफ बढ़े और प्रदेश में सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे, इसका संकल्प लिया।मंत्रिमंडल में अब पांच कुर्सियां हो गई खाली
देहरादून।धामी कैबिनेट में चार कुर्सियां लंबे समय से खाली चल रही हैं। इन चार खाली कुर्सियों को भरने के साथ ही कुछ बदलाव होने के कयास भी लगाए जा रहे थे। वहीं, आज डॉ अग्रवाल के इस्तीफा देने के बाद अब एक और कुर्सी खाली हो गई है। डॉ अग्रवाल विद्यार्थी परिषद से लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े रहे युवावस्था से ही सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे। डॉ अग्रवाल ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से 2007 में पहला चुनाव जीते। 2007 के विधानसभा चुनाव के बाद से वह लगातार तीन बार ऋषिकेश से विधायक रहे हैं। वर्तमान में वह शहरी वकास और आवास,संसदीय कार्यमंत्री और वित्त मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद संभाल रहे थे।