Saturday, November 9, 2024
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उत्तराखंड के ग्राम्य विकास मंत्री जोशी ने कहा,उत्तराखंड में  महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों ने प्रत्येक क्षेत्र में   किया अभूतपूर्व कार्य

कहा,देशभर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं  बन रही आत्मनिर्भर
ग्राम्य विकास मंत्री  रेशम बोर्ड एवं रिप परियोजना के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित प्रिजर्वेशन ऑफ दून सिल्क हेरिटेज प्रोजेक्ट के लिए संसाधन विकास कार्यक्रम में हुए शामिल
देहरादून। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को देहरादून के एक निजी होटल में केन्द्रीय रेशम बोर्ड एवं रेशम निदेशालय तथा ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना  के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित प्रिजर्वेशन ऑफ दून सिल्क हेरिटेज प्रोजेक्ट के लिए संसाधन विकास कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को धरातल पर उतारने का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति की प्रतिभा और कौशल से देश व दुनिया को परिचित कराने का कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज देशभर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, उत्तराखंड में भी महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। उन्होंने कहा प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार का संकल्प है कि वर्ष 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी के रूप में तैयार किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही हम अपने लक्ष्य से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी बनाएंगे।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इस योजना “प्रिजर्वेशन ऑफ दून सिल्क हेरिटेज” के द्वारा आजीविका कार्यक्रम के अन्तर्गत तैयार किये गये महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा रेशम की खेती,  सोलर द्वारा संचालित मशीनों द्वारा रेशम धागे के उत्पादन एवं रेशम कोकून काफ्ट का कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से महिला काश्तकारों को स्वावलम्बी बनने में मद्द होगी एवं वार्षिक रूप से औसतन 50000/- रूपये की आमदनी अर्जित कर पायेंगी। उन्होंने कहा कि इस योजना में प्रतिवर्ष 700 मानव दिवस रोजगार का सृजन होगा जो कि हमारी बहनों की आजीविका को मजबूती प्रदान करेगा। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 13 जनपदों में 300 महिलाओं को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है। योजनान्तर्गत कुल 660.583 लाख की धनराशि का प्राविधान वर्ष 2024-25 से 2027-28 तक (चार वर्ष के लिए) किया गया है। आईएफएडी कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि  परियोजना और रेशम विभाग के द्वारा योजना का संचालन किया जा रहा है। इस दौरान ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले लोगों को प्रशिक्षण पत्र भी प्रदान किए।
इस अवसर पर रेशम फेडरेशन पूर्व अध्यक्ष अजीत चौधरी, उप आयुक्त आरडी नरेश कुमार, वैज्ञानिक केंद्रीय रेशम बोर्ड डॉ.सिद्दीकी अली अहमद, प्रभारी निदेशक प्रदीप कुमार, पूर्व निदेशक डॉ.तिवारी सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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