Saturday, November 2, 2024
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हरिद्वार के चंडी घाट पर 4 नवंबर को होगा गंगा उत्सव 2024 का आयोजन, 50 दिनों तक चलेगा अभियान

गंगा नदी के संरक्षण को बढ़ावा देना, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को उजागर करना और स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता है आयोजन का मुख्य उद्देश्य
50 दिनों तक चलने वाला आयोजन गंगा नदी के किनारे 9 प्रमुख शहरों से होकर गंगा सागर पर  होगा खत्म
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, सीएम धामी, जल शक्ति राज्य मंत्री चौधरी व सचिव देवश्री मुखर्जी रहेंगी मौजूद
देहरादून। गंगा उत्सव 2024 का आयोजन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की और से 4 नवंबर को हरिद्वार के चंडी घाट पर किया जा रहा है। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण को बढ़ावा देना, इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को उजागर करना और स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना है। यह आयोजन गंगा बेसिन वाले राज्यों के 139 जिलों में जिला गंगा समितियों की और से भी मनाया जाएगा।
इस वर्ष गंगा उत्सव अत्यंत धूमधाम से मनाया जा रहा है, जिसका नेतृत्व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल कर रहे है। उत्सव के उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी और जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी विशेष रूप से शामिल हैं। यह आयोजन बीएसएफ के सहयोग से आयोजित होने वाले आगामी गंगा महिला राफ्टिंग अभियान के फ्लैग-ऑफ समारोह का भी हिस्सा होगा। 50 दिनों तक चलने वाला यह अभियान गंगा नदी के किनारे 9 प्रमुख शहरों और कस्बों से होकर गुजरते हुए गंगा सागर पर समाप्त होगा।
अभिनेता आशुतोष राणा 4 नवंबर को अपने प्रभावशाली शिव तांडव स्तोत्र के पाठ व अपने संवाद से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए तैयार हैं। मशहूर अभिनेता और एंकर राजीव खंडेलवाल गंगा के किनारों पर बसे विभिन्न सांस्कृतिक धरोहरों, परंपराओं और कहानियों की अनोखी यात्रा प्रस्तुत करेंगे। इस गठबंधन का गठन देश भर के 145 नदी शहरों को शामिल करके किया गया है।
उत्सव के दौरान गंगा संवाद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विषयों पर प्रमुख हस्तियों, धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं, तथा मुख्य व्यक्तियों के बीच विचार-विमर्श होगा। इस संवाद का उद्देश्य युवाओं को नदी संरक्षण से जोड़ने और जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित करना है। कार्यक्रम के अंतर्गत एक तकनीकी सत्र भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञ जल प्रबंधन और नदी कायाकल्प से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

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