प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने सहसपुर में बालक व बालिकाओ को किए महालक्ष्मी किट वितरित, कहा, जब ईश्वर ने नही किया लड़के और लड़की में भेदभाव, तो हमें ऐसा करने की क्या जरूरत
बालिकाओं की तरह अब बालकों को भी महालक्ष्मी किट दिए जाने का निर्णय सरकार का ऐतिहासिक कदम
देहरादून। प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या बुधवार को सहसपुर विधानसभा के ब्लॉक कार्यालय पहुंची।जहां उन्होंने ब्लॉक कार्यालय में आयोजित समारोह में शिरकत की।यहां विभागीय मंत्री ने सहसपुर ब्लॉक अंतर्गत 27 बालक व बालिकाओ को महालक्ष्मी किट व 10 किशोरियों को किशोरी किट भी वितरित की।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि विगत कई समय से महालक्ष्मी किट को लेकर लगातार यह मांग उठ रही थी कि बेटी के जन्म की तरह ही बेटों के जन्म पर भी महालक्ष्मी किट दी जाए । ऐसे में जनभावनाओं के अनुरूप पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहिम लगी।जिसके तहत अब प्रथम दो प्रसव उसमे चाहे पहली लड़की हो या लड़का दोनों को ही महालक्ष्मी किट से आच्छादित किया जाएगा। ऐसे में लैंगिक समानता के दृष्टिगत यह कदम सराहनीय है।
विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि जब समाज मे ईश्वर ने बेटी और बेटे में कोई भेदभाव नही किया है, तो हमे ऐसा करने की क्या जरूरत है।आज समाज मे जो कार्य बेटे करने में सक्षम है, वही काम बेटियां कर रहीं है और अपने माता पिता के साथ ही देश -प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सविधान ने भी दोनों को समानता का अधिकार दिया है। ऐसे में हमें लिंग भेद की सोच को खत्म करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार के इन निर्णयों से हमारी मातृशक्ति आत्मनिर्भर के साथ ही सशक्त भी बनेंगी।
कार्यक्रम में इस अवसर पर उपनिदेशक विक्रम सिंह ,जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार ,बाल विकास परियोजना अधिकारी रेणु लांबा ,सुपरवाइजर रेखा नेगी सहित आंगनबाड़ी बहनें और समस्त लाभार्थी बहनें उपस्थित रहे।
बेटियों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कर रही काम
देहरादून। विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि बेटियों को हर एक अवसर मिले और वह सशक्त बने इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार काम कर रही हैं।आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में नारी शक्ति वंदन बिल लाकर इसे मजबूती प्रदान करने का काम किया है।इसके लिए सभी महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने के लिए 33 प्रतिशत का आरक्षण पारित किया गया है, जिससे महिलाएं सशक्त बन सके।वहीं मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत का आरक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है।