उत्तराखंड

उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना गैंगरेप पीड़िता से मिली, घटना को  उत्तराखंड के लिए बताया अमानवीय व शर्मनाक , कहा- कभी सोचा नहीं था, देवभूमि में रह रहे लोगों की मानसिकता इस तरह गिर जाएगी

आयोग को मिला पीड़िता की बड़ी बहन का शिकायती पत्र,
छोटी बहन की गुमशुदगी दर्ज करने का किया है जिक्र
देहरादून । उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना ने कहा कि आईएसबीटी में एक नाबालिग बालिका के साथ गैंगरेप की घटना होना  देवभूमि के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। देवभूमि में इस प्रकार की घटना अमानवीय व अशोभनीय है। देवभूमि में रह रहे लोगों की मानसिकता इस प्रकार गिर जाएगी कभी सोचा नहीं था। आयोग की अध्यक्ष ने  बालिका से मुलाकात की व उससे बातचीत की गई, जिसके बाद बालिका अध्यक्ष से लिपट गयी । वह अपने आप को बहुत सुरक्षित महसूस कर रही थी। बालिका ने बताया  कि मैं यही रहना चाहती हूं क्योंकि मुझे मेरे गांव नहीं जाना ।इसके बाद डॉ गीता खन्ना ने  बालिका को  आश्वत किया कि आप जहां चाहते हो जैसे चाहती हो आपको वही रखा जाएगा । उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से लोग राखी की तैयारी कर रहे थे उसी वक्त किसी एक भी बच्चों के मन में असुरक्षा का भाव इस त्यौहार को फीका कर देता है। देहरादून के एसएसपी ने   तत्परता व  सूझबूझ से इस वारदात का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है।
उन्होंने बताया कि रविवार की शाम को आयोग को एक शिकायत पत्र प्राप्त हुआ  है,जिसमें पीड़िता की बड़ी बहन ने बताया कि वह अपने छोटी बहन की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाना चाहती है, लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो पा रही है, जिसका त्वरित संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष द्वारा  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर रिपोर्ट दर्ज करवाने  व इस पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

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