उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने किया केन्द्रीय विद्यालय आईटीबीपी का औचक निरीक्षण, प्रधानाचार्य के टेबल पर प्राइवेट कोचिंग संस्थान की किताबें मिलने पर चढा पारा
उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा गीता खन्ना व आयोग के सदस्य कपरवाण ने देखी व्यवस्थाएं स्कूल के बच्चों से की बात
दून वेली इंटरनेशनल स्कूल का भी लिया मौके पर जाकर जायजा
देहरादून। उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा गीता खन्ना व आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण की जनपद देहरादून के विभिन्न सरकारी एंव गैर- सरकारी विद्यालयों का औचक निरीक्षण की प्रक्रिया गतिमान है।
जिसके क्रम में सोमवार को पीएम श्री योजना के तहत पंजीकृत केन्द्रीय विद्यालय आईटीबीपी का औचक स्थलीय निरीक्षण किया गया, जिस पर आयोग अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री द्वारा संचालित पीएम श्री योजना में बच्चों के बौद्धिक विकास, सर्वागीण विकास की धारण एंव उसके क्रियान्वयन के प्रति प्रतिबद्धता दृष्टि गौचर हुई।
आयोग की अध्यक्ष एंव सदस्य द्वारा वहां के अध्यापक/अध्यापिकाओं व बच्चों से वार्ता करते हुए बच्चों से उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बारे में पूछा गया, जिस पर बच्चो द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी न होने की बात कही गई।
प्रधानाचार्य के कक्ष में प्रवेश करते ही सबसे पहले उनके टेबल पर आकाश कोचिंग इस्टिट्यूट की दी जाने वाली किताबें पायी गई, जिस पर प्रधानाचार्य ने बताया कि समय समय पर आकाश इंस्टिट्यूट द्वारा वहां के बच्चों को यह टिप्स देने के लिये उनके यहां क्लासेज लेते रहते हैं। आयोग अध्यक्ष द्वारा केन्द्रीय विद्यालय में अनुभवी शिक्षकों के होते हुए प्राईवेट कोचिंग इंस्ट्यिूट द्वारा विद्यालय के बच्चों को स्टडी मटिरियल वितरण तथा विद्यालय में बच्चों से समय समय पर टिप्स साझा करने पर गहरा रोष व्यक्त किया गया तथा इसे शिक्षा नीति के विरूद्ध बताया। विद्यालय प्रधानाचार्य द्वारा विद्यांजली के तहत इम्पेनल कोचिंग सस्थानों की सूची प्रस्तुत की गई, जिसमें आकाश इंस्ट्यिूट का कही नाम नही था। विद्यालयों मे इस प्रकार प्राईवेट कोचिंग इंस्ट्यिूट द्वारा बच्चो से विद्यालय में आकर वार्ता करना तथा बच्चों के साथ प्राईवेट किताबें साझा करना, उनके विज्ञापन का माध्यम प्रतीत होता है। आयोग की अध्यक्ष ने उपायुक्त, केन्द्रीय विद्यालय संस्थान क्षेत्रीय कार्यालय, क्षेत्रीय अधिकारी, सीबीएसई, प्रधानाचार्य, केन्द्रीय विद्यालय आईटीबीपी, देहरादून व मुख्य शिक्षा अधिकारी, जनपद देहरादून के साथ इसके सम्बन्ध में परिचर्चा बैठक आहुत किये जाने की संतुति की गई।
आयोग की अध्यक्ष ने दून वेली इंटरनेशनल स्कूल का औचक निरीक्षण करने के बाद समस्त दस्तावेजों सहित विद्यालय प्रबन्धक संजय चौधरी को आयोग कार्यालय में उपस्थित होने के लिए दो दिवस का समय प्रदान किया गया था, जिसके बाद भी विद्यालय द्वारा दस्तावेज उपस्थित नही किये गये और नाहे प्रबंधक उपस्थित हुए । पुनः आयोग द्वारा कारण बताओं नोटिस एवं आयोग की अवमानना करने पर विद्यालय की मान्यता प्रतिहारण के लिए संस्तुति किये जाने की चेतावनी के साथ एक दिवस का अतिरिक्त समय प्रदान किया गया, जिस पर विद्यालय द्वारा जो दस्तावेज उपलब्ध कराये गए उन दस्तावेजो के अवलोकन करने पर ये संज्ञान में आया की उक्त विद्यालय महारानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित किया जा रहा है । विद्यालय द्वारा प्रस्तुते किये गए रजिस्टर प्रथम दृष्टया आयोग को भ्रमित करने के लिए मिथ्या रचना किये हुए प्रतीत हो रहे थे । सभी दस्तावेजो का अवलोकन मानको के अनुरुप नही पाए गए तो आयोग द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून को विद्यालय के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए जायेंगे।