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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट बोले, पीएम के द्वारका दर्शन को ड्रामा बताना राहुल गांधी का सनातन विरोधी नया पैग़ाम, डरने वाले ही सुरक्षित सीट के लिए ढूंढते रहते हैं एक से दूसरी, तीसरी जगह

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने  की गुजरात में दिए  बयान की कड़ी आलोचना
देहरादून। भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गाँधी द्वारा पीएम मोदी के समुद्र में द्वारका दर्शन को ड्रामा बताने संबंधी बयान को  राहुल गांधी की सनातन विरोधी दुकान का नया नफरती पैगाम बताया है।
प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद  महेंद्र भट्ट ने उनके बयान पर पलटवार कर कहा कि डरने वाले ही सुरक्षित सीट के लिए एक से दूसरी, तीसरी जगह ढूंढते रहते हैं ।
उन्होंने राहुल गांधी द्वारा गुजरात में दिए उस बयान की कड़ी आलोचना की, जिसमे उन्होंने पीएम मोदी की समुंद्र के अंदर द्वारका दर्शन को ढोंग बताते हुए पीएम मोदी के डरने की बात कही थी। उन्होंने कटाक्ष किया कि ऐसा बोल कर कांग्रेस नेता ने फिर से अपनी सनातन विरोध की भावना को उजागर कर दिया।
राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं के मन में हिंदू धर्म को लेकर कैसी नफ़रत की भावना है, वह एक बार फिर से सामने आ गई है। उन्होंने तंज किया कि प्रधानमंत्री  मोदी समुद्र के नीचे द्वारका का दर्शन करने गए थे, लेकिन राहुल गांधी को वहां सिर्फ समुद्र ही नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति, हिंदू धर्म और पीएम मोदी के लिए कांग्रेस की दुर्भावना और पाकिस्तान से कांग्रेस के लिए आ रहे मोहब्बत के पैगाम सब देख रहे हैं। क्योंकि पाकिस्तान वही भाषा बोल रहा है जो कांग्रेस बोल रही है कि भाजपा की सरकार नहीं आनी चाहिए।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि राहुल गांधी जिस तरह की भाव भंगिमा और भाषा का प्रयोग लगातार पीएम मोदी के लिए कर रहे हैं, वह बहुत ही अपमानजनक और दुखद है।
भट्ट ने राहुल के मोदी  के डरने के आरोपों पर पलटवार किया कि देश देख रहा है कि कौन हार के डर से लगातार चुनावी सीट और परिवार बदल रहा है । राहुल गांधी के वायनाड और रायबरेली, दोनों लोकसभा सीट से हारने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को उनके लिए तीसरी सीट भी ढूंढ लेनी चाहिए। साथ ही तंज किया कि ज्यों-ज्यों लोकसभा चुनाव आगे बढ़ रहा है, कांग्रेस की स्थिति जितनी गिरती जा रही  है, उससे कई अधिक उनके नेताओं की भाषा भी गिरती जा रही है।
उन्होंने तंज किया कि कांग्रेस का अब एक नारा है ‘रायबरेली जाओ सांसदी बचाओ’। लेकिन राहुल गांधी की सांसदी वहां भी बचने वाली नहीं है, यही हताशा उनके बयानों में अब स्पष्ट दिखाई दे रही है।

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