सदन में विपक्ष के प्रश्न पर पर्यटन मंत्री महाराज ने दिया जवाब, कहा – साहसिक पर्यटन विंग के क्रीड़ा विशेषज्ञों की योग्यता में हुआ संशोधन
देहरादून। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अधीन साहसिक पर्यटन विंग के कार्मिकों के ढांचे में सृजित जल, थल व वायु क्रीड़ा विशेषज्ञों के नियत वेतन (संविदा) के पदों के लिये निर्धारित अर्हताओं में कुछ संशोधन किए गए हैं।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को उत्तराखंड विधानसभा सत्र में विपक्षी सदस्य भुवन चन्द्र कापड़ी की और से सदन में पूछे गए प्रश्न के जवाब में कही। महाराज ने सदन को बताया कि थल क्रीडा विशेषज्ञ के लिये एक पर्वत का सफलतापूर्वक आरोहण 8000 मीटर ऊंचाई के स्थान पर एक पर्वत का सफलतापूर्वक आरोहण 6000 मीटर और एक पर्वत का सफलतापूर्वक आरोहण 7000 मीटर निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त मान्यता प्राप्त संस्थान से स्कीइंग में बेसिक, इंटरमीडिएट, एडवांस्ड कोर्स एवं एमओआई क्वालिफाइड अथवा स्कीइंग की एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभा करने के साथ-साथ जल क्रीडा गतिविधियों के कार्य करने संबंधी 5 वर्ष का अनुभव और अधिकतम आयु 45 वर्ष होनी आवश्यक है।
महाराज ने सदन को बताया कि जल क्रीडा के लिये विषय के विशेषज्ञ की शैक्षिक योग्यता स्नातक होने के साथ-साथ जल क्रीडा में बेसिक कोर्स, इंटरमीडिएट, एडवांस्ड कोर्स और क्याकिंग, रोइंग, कनोईंग, सेलिंग राफ्टिंग में राष्ट्रीय स्तर की किसी एक प्रतियोगिता में प्रतिभा के साथ-साथ जल क्रीड़ा गतिविधियों का 5 वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है।