Thursday, January 23, 2025
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भाजपा  प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने  सोनिया गांधी- राहुल गांधी का  पीएम मोदी का विरोध करते करते देश विरोध की हदें पार करना दुर्भाग्यपूर्ण बताया

कहा, 3 वर्षों से लगातार विदेशी एजेंसियों के उठाए झूठे मुद्दों को उठाकर, संसद को बंधक बनाने की साजिश कर रही कांग्रेस
देहरादून । भाजपा ने कहा कि सोनिया गांधी- राहुल गांधी  पीएम मोदी का विरोध करते करते देश विरोध की हदें पार कर चुके है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस पिछले 3 वर्षों से लगातार विदेशी एजेंसियों द्वारा उठाए झूठे मुद्दों को उठाकर, संसद को बंधक बनाने की साजिश कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस के सनातन और विकास विरोधी चेहरे से तो सभी परिचित हैं। लेकिन जिस तरह विदेशी एजेंसियों से सांठगांठ कर, संसद की बंधक बनाने और देश की छवि खराब करने वाली साजिशों की परतें खुल रही हैं। वह अपने आप में स्पष्ट इशारा है कि कांग्रेस नेतृत्व का हाथ देश के बाहर बैठे राष्ट्र विरोधियों के साथ है। हाल ही में सामने आई ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह की जानकारियां सामने आ रही है उससे स्पष्ट होता है कि सोनिया – गांधी और राहुल गांधी का देश के दुश्मनों से  गहरा कनेक्शन है। क्योंकि  सोनिया गांधी के सार्वजनिक रूप से भारत विरोध के जाने जाने वाले अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन से बहुत अच्छे संबंध हैं। जबकि जगजाहिर है कि यह संगठन कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के विचार का समर्थन करता है और कश्मीर के अलगाववादियों को फंड मुहैया करता है।
उन्होंने दावा किया कि बतौर सह अध्यक्ष सोनिया गांधी, फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक फाउंडेशन से जुड़ी हई हैं।  यह संगठन, जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन की ओर से वित्तपोषित एक संगठन से जुड़ा हुआ है। जो भारतीय संगठनों पर विदेशी फंडिंग के प्रभाव को दिखाती है। उस मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा, जिसमें अमेरिका के “डीप स्टेट” ने भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए ओसीसीआरपी और राहुल गांधी के साथ मिलीभगत की है।
उन्होंने कहा कि यह विगत कुछ वर्षों का महज संयोग नहीं है कि जब भी भारत में महत्वपूर्ण घटनाक्रम होता, विशेषकर संसद सत्र के दौरान विदेशों में छपाई गई झूठी खबरों पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित किया जाता है। कभी हिंडनबर्ग की झूठी रिपोर्ट आ जाती है, कभी पैगासिस का हल्ला होता है, चुनाव के ठीक पहले विदेशी कविड वैक्सीन की रिपोर्ट जारी की गई, मणिपुर हिंसा का वीडियो जारी किया गया । इस बार भी सत्र से ठीक पहले एक व्यावसायिक घराने पर एक अमेरिकी कोर्ट के आदेश पर संसदीय लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश हो रही है।

उन्होंने अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी समझने का समय आ गया है कि उनका नेतृत्व और उनकी बताई नीतियां, उन्हें राष्ट्र विरोध के रास्ते पर ले जाती हैं। प्रदेश और देश की जनता उन्हें बखूबी पहचान चुकी है, लिहाजा शीघ्र अतिशीघ्र कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने नेतृत्व की इस मानसिकता का विरोध करना चाहिए।

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