Thursday, January 23, 2025
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देश की पहली योग पॉलिसी बनाने पर हुआ विचार विमर्श, देश भर के योग विशेषज्ञों ने दिए  सुझाव, आयुष सचिव बोले , उत्तराखंड में बहुत सारे योग आश्रम और आध्यात्मिक केंद्र

कहा-पूरे इतिहास में उत्तराखंड आध्यात्मिक यात्रा पर जाने वालों के लिए रहा है  एक पसंदीदा स्थान 
योग को बढ़ावा देने के लिए  हो रहे नियमित शिविर
सचिव  डाॅ पंकज पांडेय की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की हुई बैठक
सीएम पुष्कर धामी के निर्देश पर योग नीति पर शासन गंभीर
देहरादून।देश की प्रथम योग पॉलिसी पर विचार विमर्श के लिए आयुष विभाग के सचिव वरिष्ठ आईएएस अफसर डाॅ  पंकज पांडेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में अहम बैठक आयोजित की गई। जिसमें देश भर के योग विशेषज्ञों तथा योग संबंधी पॉलिसी मेकर्स को आमंत्रित किया गया। इस अवसर पर 30 से अधिक योग विशेषज्ञों ने योग पॉलिसी पर अपने सुझाव  दिये। विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि देव भूमि उत्तराखंड, योग और ध्यान की प्राचीन पद्धति के साथ गहराई से जुड़ा हुआ एक समृद्ध इतिहास समेटे हुए है। सदियों पुराना यह राज्य आध्यात्मिक और योगिक अन्वेषण का केंद्र रहा है।
बैठक में विशेषज्ञों ने चर्चा करते हुए कहा कि हिमालय की गोद में बसे शांत परिदृश्य शांति, स्वास्थ्य और मोक्ष चाहने वालों के लिए एक आदर्श स्थान प्रदान करते हैं। पूरे इतिहास में, उत्तराखंड आध्यात्मिक यात्रा पर जाने वालों के लिए एक पसंदीदा स्थान रहा है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के दूरदर्शी लोगों और नेताओं ने इस पवित्र भूमि में योग की गहन शिक्षाओं की खोज की है। स्वामी विवेकानन्द को कौसानी के शांत वातावरण में सांत्वना मिली, जबकि  महर्षि महेश योगी ने ऋषिकेश में भावातीत ध्यान तकनीक प्रदान की। प्रतिष्ठित चौरासी कुटिया ने द बीटल्स की परिवर्तनकारी यात्रा देखी, और कैंची धाम के आध्यात्मिक निवास ने स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग के दिमाग पर एक अमिट छाप छोड़ी। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की आध्यात्मिक आभा से प्रेरणा ली है।
सचिव आयुष पंकज पांडेय ने कहा कि उत्तराखंड में बहुत सारे योग आश्रम और आध्यात्मिक केंद्र हैं, जिनमें से प्रत्येक योग परंपराओं के प्रचार और संरक्षण में योगदान दे रहे हैं। ये केंद्र योग को जीवन शैली के रूप में बढ़ावा देने और दुनिया भर से साधकों और उत्साही लोगों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। योग को शिक्षा प्रणाली में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है, आयुर्वेद कार्यक्रम के माध्यम से इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार योग संस्थानों के साथ नीतियों, आयोजनों और सहयोग के माध्यम से सक्रिय रूप से योग का समर्थन और प्रचार करती है। योग को बढ़ावा देने के लिए समुदाय में आयुष एचडब्ल्यूसी द्वारा नियमित शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर अपर सचिव डॉ. विजय जोगदण्डे, प्रसार भारती के पूर्व सी.ई.ओ. डॉ. मयंक अग्रवाल, परमार्थ निकेतन से डॉ. वाचस्पति सहित कई अन्य विशेषज्ञ उपस्थित थे।

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